एक सेल्स मैन का काम कर रहें हैं तो आपको इस एक बात का ख्याल अवश्य रखना चाहिए।

एक सेल्स मैन को ये काम अवश्य करनी चाहिए, यदि आप एक सेल्स मैन का काम कर रहें हैं तो आपको इस एक बात  का ख्याल अवश्य रखना चाहिए।

एक सेल्स मैन को ये काम अवश्य करनी चाहिए। यदि आप एक सेल्स मैन का काम कर रहें हैं तो आपको इन बातों का ख्याल अवश्य रखना चाहिए। हम कोई भी काम करते हैं उसकी योजना अवश्य तैयार करते हैं। एक छोटा सा छोटा काम के लिए भी हम योजना बनाते हैं। हलांकि छोटे कामों के लिए बनाये गए योजना हमारा दिमाग को पता नहीं चलता। हमारे दिमाग को इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसपर कभी आपने सोचा है कि आख़िर ऐसा क्यों होता है ?

इसकी वजह को हमे जानने का प्रयास अवश्य करनी चाहिए। ऐसे तो इसके अनेकों वजह हो सकते हैं और इसके मनोवैज्ञानिक कारण भी कई हो सकते हैं, लेकिन हमे इन भारी वजहों को छोड़कर एक सरल वजह की तलाश करने की जरूरत है। मेरे अनुसार सरल स्वभाव से इसका एक वजह यह भी हो सकता है कि हमारा दिमाग इन छोटे-छोटे कामों को पहले कई बार कर चुका होता है। यूं कहें इस काम को मेरा दिमाग पूर्ण रूप से अभ्यस्त हो गया होता है। इसलिए हमारा दिमाग को इस छोटा काम को पूरा करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती।

एक दूसरे तरह से भी इस बात को समझा जा सकता है। दसवीं क्लास के छात्र को एनसी क्लास के सवालों को जवाब देने में उसका दिमाग में किसी प्रकार के परेशानी नहीं होगी। बल्कि दसवीं क्लास का छात्र एनसी क्लास के सवालों पर मुस्कराएगा और एनसी क्लास के सवालों को बड़े आराम से जवाब देने में सक्षम होगा। जबकि एक समय था जब वहीँ लड़का एनसी क्लास में पढ़ता था उस समय वह इन सवालों को जवाब देने में घबराता था। मैडम उसे छड़ी से पिटी भी थीं, उसे जोर से डांट भी लगायी थी फ़िर भी वह उस समय उस सवाल का जवाब नहीं दे सका था। लेकिन आज वह उस सवाल को सरलता के साथ जवाब दे सकता है। ऐसा क्यों हुआ?  

यही घटना हमारे साथ रोज घटता है। मेरा दिमाग उसी काम को सरलता के साथ कर सकता है, जिसे वह पहले कई बार कर चुका हो। एक दूसरे उदाह्र्ण को ले सकते हैं। हम एक सेल्स मैन हैं और  हमारा रोज का काम है दूसरे जगहों को जाना। हमे रोज एक नई जगह पर जाना होता। हमारे साथ ये भी होता है कि जिस जगह पर हम पहलीबार जाते हैं और संयोग से उसी जगह पर दूसरे दिन भी उसी जगह पर जाने का अवसर मिल जाता है तो पहली बार और दूसरी बार जाने के समयों में अन्तर हो जाता है। उस जगह पर दूसरी बार जाने में पहलीबार की अपेक्षा कम समय लगता है। ऐसा नहीं है कि दूरी घट जाती है। दूरी उतनी हीं होती है फ़िर भी समय कम लगता है।

ऐसा इसलिए सम्भव होता है कि हमारा दिमाग पहली बार में उस रास्ता से अन्जान होता है और जब हम दूसरी बार उस रास्ता से गुजरते है तो इस समय हमारा दिमाग उस रास्ता को पहचान लेता है और जल्दी – जल्दी निर्णय लेना शुरू कर देता इसलिए दूसरी बार हम जल्दी पहुंच जाते हैं। रोजमर्रा की जन्दगी में हमारा दिमाग इसी तरह से काम करता है। हम एक सेल्स मैन हैं और हमारा रोज का काम है बेचना। इनमें कोई घूमकर पालिसी बेचते हैं तो कोई दूकान पर बैठकर समान बेचते हैं।

हम जब भी अपने ग्राहकों से पहली बार मुलाकात करें तो ऐसा मुलाकात होना चाहिए जैसे उनसे पहले कई बार मिल चुके हों। एक अच्छे सेल्स मैन वहीँ बन सकता है, जिनमे ये कला समाहित हो कि वह जब भी अपने ग्राहकों से पहली बार बात करे तो ग्राहक को ऐसा महसूस नहीं होना चाहिए कि किसी अन्जान व्यक्ति से बात कर रहा है। यह गुण आप में तब आएगा जब आप अभ्यास करेंगें। आप अधिक से अधिक लोगों से मिलेंगें और उनसे बात करेंगें। आप जितना अधिक लोगों से मिलेंगें यह गुण आप में उतना जल्दी आएगा।

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