'लोकतंत्र सिपाही राहुल गाँधी' - एक तानाशाही से पंगा। भाग-2

कहानी उस देश की है, जिसे भारत कहते हैं जनबा! और जहाँ आधुनिक लोकतंत्र का एक सिपाही ‘तानाशाहियों’ के खिलाफ लड़ने की हिम्मत की है!


इस देश ने अपनी आजादी के लिए लम्बी लड़ाई लड़ी है, कई संघर्ष करने का इतिहास है इसका और आज भी वो लड़ाई जारी है। कुछ लोग, वहीं लड़ाई लड़ रहें, लेकिन इनके इस लड़ाई को भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जा रहा है।


इनके इस संघर्ष का मतलब वहीं है, जो नेहरू, गाँधी आदि नेताओं का हुआ करता था। इस महानुभाव का नाम ऐसे तो राहुल गांधी है, लेकिन इनके आलोचकों ने इन्हे अनेको नामों से सम्बोधित करने का काम किये हैं।


यदि आप इस नेता के आलोचक हैं, तो आपको जानकर बड़ी प्रसन्नता होगी की इन्हे ‘पप्पु’ कहा जाता है। ये इनके आलोचकों, जिसे बीजेपी या मोदी भक्त कहते हैं, जैसे लोगों ने नाम रखा है।


पप्पु’ का शाब्दीक अर्थ क्या होते हैं, इसका जिक्र करना हम नहीं चाहते, लेकिन यह नाम इस व्यक्ति पर जचता नहीं है। लोगों में चर्चा ये भी है कि इनके राजीतिक छवि धूमिल करने के लिए मोदी भक्तों ने यह नाम रख दिया है।


ऐसा मुझे लगता है कि आप संदेह का शिकार हो चुके हैं। खैर, छोड़िए। यदि आप मोदी भक्त हैं, तो यह जानकारी आपको डूब-मरने जैसी नौबत ला सकती है, इसलिए यहाँ म्यूट हो जाइए।


राहुल गांधी कैम्ब्रीज और आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण किए हैं। एक अच्छा खिलाड़ी हैं। वह अपने शरीर पर विशेष ध्यान देते हैं। राहुल गांधी एक नेता होते हुए भी सिक्स पैक बनाये हुए है। भारतीय सिनेमा के हिरो भी इनके फिटनेस देखकर शर्म से पानी-पानी हो जाएंगे।


इस बात का इनका कोई घमंड नहीं है। लेकिन, मोदी भक्त फिल्म समुदाय के लोग इनसे दूर रहना हीं पसंद करते हैं।


अब आपको ये जानकर हैरानी होगी और मोदी भक्तों जिस ‘मोदी’ पर नाग की तरह फन फैलाए इधर-उधर तांडव कर रहे हैं, वह मोदी कितना तक शिक्षा ग्रहण किए है, भक्तों को भी मालुम नहीं है।


जब मोदी प्रधान मंत्री के लिए चुनााव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, तब वह स्वंय बोला करते कि हम ज्यादा पढ़े नहीं है। हम रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे। उसके बाद वह आरएसएस में शामिल हो गए।


और जब मोदी प्रधानमंत्री चुन लिए गए, तब लोगों को पता चला कि उन्होंने शिक्षा ग्रहण किये हैं। और वह दिल्ली विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल कर रखे हैं। हैरानी होगी, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इनकी डिग्री माँग लिए तो इनपर मुकदमा हो गया और इन्हें 25 हजार रुपया का जुर्माना भी देना पड़ा है, कोर्ट में।


लेकिन राहुल गाँधी के साथ ये बात नहीं है, इनकी डिग्री कोई भी देख सकता है, इनके काॅलेज में जाकर कोई भी पता कर सकता है। हाल हीं में कैम्ब्रीज विश्वविद्यालय ने राहुल गाँधी को ‘लोकतंत्र’ पर बात करने के लिए बुलाया, जिसपर मोदी भक्तों ने खुब शोर मचाया और संसद तक को स्थगित करा दिया।


ऐसे हैं राहुल गाँधी, जो मोदी सरकार के विरोध में और अपने देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए मोदी सरकार के साथ जंग छेड़ दिए हैं। 

चर्चा अभी जारी है, मेरे साथ बने रहें।.............

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