“लालू प्रसाद यादव को फँसाने का गम्भीर षड्यंत्र किया गया और मीडिया ने भी खुद ही ट्रायल कर उन्हें अपराधी घोषित कर दिया”-‘परस्यूट ऑफ ला एण्ड ऑरडर’
“लालू
प्रसाद यादव को फँसाने का गम्भीर षड्यंत्र किया गया और मीडिया ने भी खुद ही ट्रायल
कर उन्हें अपराधी घोषित कर दिया”-‘परस्यूट ऑफ ला एण्ड ऑरडर’
बिहार के सामाजिक और गरीबों का आवाज़ बनकर भारत की राजनीतिक में एक महत्वपूर्ण स्थान को प्राप्त करनेवाले लालू प्रसाद यादव एक बार फिर चर्चा का विषय बने हुए हैं। ये ऐसे व्यक्तित्व के मालिक हैं कि इनके नाम से लोगों में एक अलग सी ऊर्जा का संचार हो जाता है। जिस समय वह युवा थे और राजनीतिक में थे, उस समय लालू बिहार के लाल थे। गरीबों का आँख, कान, नाक और आत्मा थे और वह गरीबों के एकलौता सबकुछ थे।DONATE
आपको इस बात से अवगत हो जाना चाहिए कि एक ओर राजनीति ने लालू प्रसाद
यादव को बहुत कुछ दिया, तो दूसरी ओर राजनीतिक के लोगों ने इन्हे
बदनाम करने की साजिश भी रची है। वैसे लोगों ने इन्हे बदनाम करने की साजिश रची है, जिन्होंने राजनीति के नाम पर जनता को
डराया-धमकाया और शोषण करने की साजिश की है।
लालू प्रसाद यादव बिहार के राजनीति तक सीमित नहीं रहे, बल्कि भारत की राजनीति में भी तहलका मचा कर रख दिये। अपने आलोचोकों को बोलती बंद कर दी और करारा जवाब दिया।
जब प्रसाद रेलवे
मंत्री बने तब वह जनता के लिए दूर-दूर तक सोचने वाले नेता के रूप में प्रसिद्ध
हुए। लालू यादव हीं ऐसे नेता हैं, जिन्होंने
घाटा में चल रहे रेलवे को फायदा में लाये, आम
लोगों के लिए रेलवे को बनया और किराये में छूट देने अदि जैसे सुविधा लेकर आये।
इन्होंने रेलवे में पहले से चल रहे प्लास्टिक के कप को बंद करके, उसके स्थान पर मिट्टी का कप लेकर आये। इससे
भारत में एक गजब की क्रांति हुई। रेलवे इस व्यवस्था को भले हीं भूल गया हो, लेकिन आम लोग आज भी इसे दिल से पसंद करते हैं।
रेलवे में उत्तम व्यवस्था लानें के इस काम को लेकर जापान जैसे देश ने
सराहा और यादव को इस पर ज्ञान देने के लिए जापान बुलाया।
भारत में लालू जी जैसे नेता नहीं है। लेकिन, इनके इस छबि को खराब करने के लिए इस देश की
राजनीति ने कोई कसर नहीं छोड़ा। आज एक लालू है, जो
जनता के लिए जीते हैं और एक दूसरे लालू हैं जिन्हें राजनीतिक ने बदनामी करने अलावा
कुछ नहीं दिया।
“चारा
घोटाला के मुख्य जाँच अधिकारी एपी दुराई ने अपनी आत्मकथा ‘परस्यूट ऑफ ला एण्ड ऑरडर’
में लिखा है कि लालू प्रसाद यादव एवं कुछ आईएएस को फँसाने का गम्भीर षड्यंत्र किया
गया। मीडिया ने भी लालू प्रसाद यादव को बिना मुज़रिम सिद्ध हुए खुद ही ट्रायल कर
उन्हें अपराधी घोषित कर दिया।”