नेहरूजी के दूसरा संतान बेटा पैदा लेते हीं, पत्नि कमला नेहरू की तबियत बहुत ख़राब हो गई और........
नेहरूजी के दूसरा संतान बेटा पैदा लेते हीं, पत्नि कमला नेहरू की
तबियत बहुत ख़राब हो गई और........
कमला नेहरूजी दिल्ली के व्यापारी पंडित जवाहरमल कौल की पुत्री थीं। 8 फरवरी, 1916 को बसंत पंचमी के दिन दिल्ली में उनका विवाह
जवाहरलाल नेहरूजीजी से हुआ था। 19 नवंबर 1917 को
इंदिराजी का जन्म हुआ था।
कमलाजी की तबियत बार-बार बिगड़ रही थी। नवम्बर, 1924 में उनकी दूसरी संतान ने जन्म लिया। लेकिन कुछ
ही दिनों के भीतर लड़के की मृत्यु हो गई। उनकी तबियत और बिगड़ गई। जाँच कराने पर
टीबी निकली।
नेहरूजी ने डॉ एम ए अंसारी से सलाह ली तो उन्होंने जेनेवा ले जाने की
सलाह दी। पासपोर्ट बनवाने गए तो एकबार फिर अंडरटेकिंग मांगी गई कि यूरोप में रहते
हुए वह राजनीतिक आयोजनों में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने फिर मना कर दिया। अंत
में जब मोतीलालजी ने हस्तक्षेप किया तब जाकर उन्हें पासपोर्ट मिला।
मार्च में नेहरूजी पत्नी को लेकर जिनेवा पहुँचे। अगले 21 महीने वह वहीँ रहे। बाद में बहन कृष्णा
नेहरूजी भी पहुँच गईं। जिनेवा से उन्हें मोंटाना के एक सेनीटोरियम में ले जाया
गया। लेकिन स्वास्थ्य-लाभ बेहद धीमा था।
5
मार्च, 1927 को नेहरूजी ने गांधीजी को लिखा – एक साल जैसे
एक दिन की तरह बीत गया। सुधार एकदम संतोषजनक नहीं है।
सितम्बर में मोतीलालजी वहाँ पहुँचे। फिर पूरा परिवार सोवियत संघ
सरकार के बुलावे पर मास्को गया। वहाँ क्रान्ति के दस साल पूरे होने के अवसर पर
नेहरूजी पिता, पत्नी, बेटी
और बहन के साथ उपस्थित थे। प्राव्दा (सोवियत संघ के आधिकारिक समाचार पत्र) ने यह
ख़बर प्रमुखता से छापी थी।
अगले तीन महीने वे इटली, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी में घूमते रहे और दिसम्बर, 1927 में पत्नी और बेटी के साथ भारत लौटे। अब कमला
काफी ठीक हो गईं थीं।