महँगाई से राहता देने की साज़िश का शिकार हुए भारत के मतदाताओं।


महँगाई से राहता देने की साज़िश का शिकार हुए भारत के मतदाताओं।


वर्तमान भारत की मोदी सरकार, जिस मुद्दा को लेकर सत्ता हासिल की उस मुद्दा का नाम हैः महँगाई और भ्रष्टाचार, जिनमें महँगाई एक प्रमुख मुद्दा था। आज हम उसी महँगाई पर चर्चा करेंगे, जिसको मुद्दा बनाकर मोदी चुनाव जीता।


लेकिन, भारत के वो मतदाताओं, जिसने मोदी को महँगाई के नाम पर वोट किया, उनके लिए कितनी शर्म की बात होगी कि मोदी सरकार महँगाई को नियंत्रण करने के लिए कोई कदम तक नहीं उठाई। यदि मोदी सरकार महँगाई कम करने के लिए एक भी कदम उठाती, तो इनके मतदाताओं को चिंता करने को नहीं कहा जाता।


यहाँ इस बात को भी साफ़ कर लेने की जरूरत ये है कि यदि मोदी सरकार महँगाई को नियंत्रण करने के लिए कदम उठाए, कठोर फैसले लिए हैं, तो वो क्या है, जिसे आजतक मोदी सरकार उसे जनता के बीच सार्वजनिक करना जरूरी नहीं समझी। उसे गुप्त रखना हीं बेहतर विकल्प समझी।


दरअसल! गौर से देखा जाय, तो पता चलता है कि मोदी सरकार लोगों को महँगाई से राहत देने के लिए अभी-तक कोई ठोस कदम नहीं उठाई है। यदि मोदी सरकार महँगाई रोक-थाम के लिए कदम उठाने का काम करती, तो भारत के सभी वस्तुएँ अचानक इतनी महँगी नहीं होती।


गौर करनेवाली बात ये है कि जिन वस्तुओं को मोदी सरकार अचानक और ज्यादा महँगी की है, उन वस्तुओं को बेचने और बनाने पर नियंत्रण मोदी को चुनावी चंदा देनेवाले लोग का हीं है। उदाहरण स्वरूपः बीजली, गैस, पेट्रोल, डीजल, कृषि उपकरण और खाद्य पदार्थ आदि ऐसे वस्तुएँ हैं, जिनपर मोदी के कऱबी गौतम अडानी और मुकेश अंबानी का कब्जा है।


ये लोग चुनाव के समयों में मोदी को मोटी रकम चुनावी चंदा के रूप में देते हैं और फ़िर मोदी के द्वारा वस्तुओं का दाम बढाकर वसूलने का काम कर रहें हैं। यहीं वजह रहा कि भारत में अनियंत्रित महँगाई का आगमन हुआ है।


भारत में ऐसी महँगाई है, जिसको सामना करने के लिए लोगों की आय कम पङ गई है। इसको ऐसे समझा जा सकता है कि भारत में वैसी महँगाई है, जो भारत के लोगों की क्रयशक्ति से बहुत ज्यादा बाहर हो गया है। ये बात आरबीआई ने भी स्वीकर किया है कि भारत कि महँगाई क्रयशक्ति से बहुत ज्यादा है, जो देश के लिए ठीक नहीं।


आपको बता देना चाहता हूँ और आपको भी इसकी जानकारी हासिल करनी चाहिए कि किसी देश में ऐसी महँगाई तब आती है, जब सत्ताधारी लोग देश को उन लोगों के हाथ बेच देते हैं, जिसके हाथ में वस्तुओं पर सारा नियंत्रण होता है। और ये लोग देश को लूटने के प्रयास में लग जाते हैं।


आज के भारत के साथ ऐसा ही हो रहा है। मोदी भारत को उनके हाथ बेच दिया है, जो इन्हें चुनावी चंदा दिया है। और ये लोग जल्द-से-जल्द अपना लगा पैसा को वापस करना चाहते हैं। यहिं वजह है कि भारत में महँगाई ख़तरनाक मोङ पर है।   

 

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