एक डिलीवरी मैन के लिए एक शब्द, आम शब्द होता है, जब वह अपने रणभूमि में होते हैं- सर/मैडम।



एक डिलीवरी मैन के लिए एक शब्द, आम शब्द होता है, जब वह अपने रणभूमि में होते हैं- सर/मैडम


डिलीवरी का काम सरल स्वभाव वाला काम नहीं है, कुछ लोग सामान लेने से अचानक सीधे-सीधे मना कर देते हैं। कहते हैः गलती से हो गया, नहीं लेना है, आदी बहाना लगा कर सामान नहीं लेते। उन्हें ऐसा लगता है, हम समझते नहीं। हम सब समझते हैं। लेकिन, उससे क्या फ़ायद होगा! इसलिए, मौन रहना ही बेहत्तर लगता है और फ़िर वहाँ से चल देते हैं।


ऐसी घटनाएं अनेकों बार तथा अक्सर एक डिलीवरी मैन के साथ होते रहते हैं। इसका परिणाम शरीर पर सीधे-सीधे पङता है। शरीर पर बोझ बढ़ जाता है, अनावश्यक बोझ बढ़ता चला जाता है। उस रिजेक्ट सामान को लेकर तब-तक चलते रहने पङते हैं, जब-तक और डिलीवरी न कर दें।


इतना हीं नहीं, अन्य जिसे दूसरें ग्राहक को उनके सामान डिलीवर करने होतें है, उनके आईटम के साथ मिक्स मैच होता रहता है कि समस्या बाल की तरह बढ़ते चले जाते हैं।


वो दृश्य देखने लायक होता है। वो रिजेक्ट सामान, उन ग्राहक के पास और उस समय निकल जाता है जब किसी दूसरे ग्राहक को उनके सामान देने के लिये निकालते हैँ। ग्राहक बङा प्यार से बोलते हैं- ये मेरा है क्या! नही-नहीं, ये आपका नहीं है।


इनके इस सवाल में दो बातें छिपी होती हैं। एक, जो ये पूछता है कि क्या ये मेरा ही सामान है कि किसी दूसरे का सामान है, जो मुझे दे रहें हैं। दूसरा, ये मेरा हीं सामान है, जिसे आप मुझे दे रहें हैं।


इस समय ग्राहक और डिलीवरी मैन के बीच बहुत ही उलझन पैदा हो जाता है। जबकी, ये कुछ नहीं होता। यह क्षणिक भर का होता है। ग्राहक हाथ मे अपना डिलीवरी लेते हीं नाम पता मिलाते हैं और उलझन छूमंतर हो जाता है।


फ़िर ग्राहक के नाम का डिलीवरी देते हैं। और वह अपने नाम के डिलीवरी को बहुत हीं गौर से और बारीकी से देखते हुए अपने घर को जाते हैं। ख़ास बात और रोमांच पैदा करनेवाली बात ये होती है कि वो ऐसे देखते हैं, जैसे ये उनके नाम का नहीं बल्कि इनके नाम का ही किसी दूसरे का डिलीवरी है।

 

POPULAR POST

एक सेल्स मैन का काम कर रहें हैं तो आपको इस एक बात का ख्याल अवश्य रखना चाहिए।

एक कप चाय, मिट्टी वाली में - चाय को पीने में जो मजा है, वो मजा सात समन्दर पार जाकर भी नहीं वो कैसे !