पंचायत के नाम पर शहीद हुए प्रेमचंद यादव पर जुल्म सरकार ने भी शुरू कर दी।।
पंचायत के नाम पर शहीद हुए प्रेमचंद यादव पर जुल्म सरकार ने भी शुरू कर दी।।
उत्तर प्रदेश के देवरिया में यादव
समाज के एक व्यक्ती प्रेमचंद यादव रहते थे। वह बङे भले मानस थे। उनकी इंसानियत से
उस जगह का समाज उनसे बहुत ख़ुश था। लेकिन, उच्च जात के दुबे के लोग को ये खटक रहे
थे। दुबे परिवार के साथ जमिन का विवाद भी था। इस विवाद को लेकर प्रेमचंद यादव बहुत
चिंतित रहते।
प्रेमचंद यादव इसके लिए अधिकारियों
के दरवाजे खटखटाये। लेकिन किसी ने नहीं सुना। क्योंकि दुबे परिवार ऊच्च जात से था।
और ऊच्च जात कि प्रदेश में सरकार थी। थक-हार कर प्रेमचंद यादव सब निर्णय दुबे परिवार
पर हिं छोङ दिये।
एक दिन दुबे ब्राह्मण समाज के सत्यप्रकाश
दुबे ने अपने घर पंचयती के लिए प्रेमचंद यादव को फोन करके बुलाया। प्रेमचंद यादव
सीधे-साधे थे और वह दुबे के घर पंचयती के लिए गए, जहाँ इन्हे धोखे से हत्या कर दी गई।
पंचयती के लिए दुबे परिवार के लोग हीं प्रेमचंद जी को बुलाया था। लेकिन दुबे परिवार
के लोग पंचयती के नाम पर हत्या कर दी।
प्रेमचंद यादव की पुत्री मीडिया को
पुलिस के बङे अधिकारी के समक्ष बताई कि दुबे परिवार के लोग हमारे पापा को पंचयती के
लिए फोन करके अपने घर बुलाया। उसके फोन पर, मेरे पापा दुबे के घर पंचयती के लिए चले
गए, जहाँ उनकी हत्या कर दी गई। जिस प्रकार से पुलिस लोग व्यवहार कर रहें हैं, उससे
लगता है कि पुलिस लोग भी दुबे परिवार से मिलें हैं।
पंचयती के दरम्यान दुबे परिवार के
द्वारा प्रेमचंद यादव की हत्या करने के बाद, दुबे परिवार की भी हत्या हो गई। तब, पूरे
राज्य में तनाव हो गया और यह चर्चा का विषय बन गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस
भी हरकत में आ गई। पुलिस और कानून दोनों काम करने शुरू कर दिये। क्योंकि ऊच्च जात
का कत्ल जो हो गया।
अब, इस मामला से उत्तर प्रदेश राज्य
के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ भी हरकत में आ गये। इन्होंने फौरन घटना को समझने
के लिए देवरिया को रवाना हुए। लेकिन मुख्य मंत्री आदित्य नाथ देवरिया पहुँचे तो वो
अपने ऊच्च वर्ग के दुबे परिवार से मिले और फिर राजधानी लखनऊ को लौट आये।
दुबे परिवार ये वहीं सामाजिक धोख़ेबाज
और पंचायत न्याय के नाम पर विश्वासघात करनेवाला परिवार है, जिसने प्रेमचंद यादव को
पंचयती के नाम पर बुलाकर हत्या कर दी। जिस परिवार से मिलने मुख्य मंत्री योगी
आदित्य नाथ गये। जिसके बाद पुलिस
और कानून उस समय से प्रेमचंद परिवार पर ही कार्रवाई करनी शुरू कर दी।
सामाजिक न्याय और ग्राम पंचयती का
हत्यारा दुबे परिवार ने प्रेमचंद यादव को मार दिया। उसके बाद उत्तर प्रदेश के
मुख्य मंत्री भी सामाजिक न्याय का गला रेतनेवाला दुबे परिवार को राजनीतिक ताकत दी,
कानूनी ताकत दिया और इसे पुलिस मदद देकर सामाजिक न्याय के नाम पर शहीद हुए
प्रेमचंद यादव के जीवित परिवार के साथ अन्याय करना शुरू कर दिया।....