वायनाड कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जातीय जनगणना कराने को लेकर संसद भवन में जोरदार वकालत किये।

वायनाड कांग्रेस सांसद राहुल गांधी संसद भवन में जातीय जनगणना कराने को लेकर संसद भवन में जोरदार वकालत किये।


भारत में जातीय जनगणना कराने को लेकर वायनाड कांग्रेस सांसद राहुल गांधी संसद भवन में इसको लेकर जोरदार वकालत किये। इनका कहना है कि भारत में जातीय जनगणना कराने की जरूरत है, इसी से पता चल सकेगा की भारत में कितने और कौन गरीब व आरक्षण के अधिकारी हैं।


राहुल गांधी का मानना है कि ये करना इसलिए भी जरूरी है कि देश का संसाधन कुछ लोगों के हाथों में बहुत ही तीव्र गति से जा रहा है जिसे रोकने की जरूरत है।


कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जातीय जनगणना का जोरदार वकालत करते हुए- संसद भवन में मोदी सरकार को चोरों ओर से घेर लिए और इस सरकार पर प्रहार करते हुए बोल- यदि मोदी सरकार जातीय जनगणना नहीं करा सकती तो कम-से-कम मोदी सरकार ये तोन कर हीं सकती है कि हमारी कांग्रेस की सरकार पिछले जनगणना में जो जनगणना करायी है, उसी डाटा को सार्वजनिक कर दे।


सांसद राहुल गांधी के इन सवालों का जवाब मोदी सरकार के लोग अभी तक नहीं दिये हैं कि ख़बर है। और आगे के समयों में इसकी उम्मीद भी नहीं की जा सकती है।


सांसद राहुल गांधी इसके लिए संसद भवन में एक दमदार तर्क भी दिये हैं। उन्होंने कहा, हमारे देश के बजट निर्माण में 90 सचिव काम करते हैं, जिनमें मात्र 3 सचिव सिर्फ ओबीसी समाज से हैं। ओबीसी के लोग बजट का मात्र 5 प्रतिशत ही कंट्रोल करते हैं। ये ओबीसी समाज के लिए अपमान की बात है। इसे बदलने कि जरूरत है। और यह बदलाव जातीय जनगणना से संभव होगा।


यहाँ गौर करनेवाली बात ये है कि मोदी सरकार को वर्ष 2021 में भारत में जनगणना कराने थे, लेकिन मोदी ये भी कराने में सौ बहाना कर चुकी है। दो साल गुजर चुके हैं, लेकिन जनगणना कराने कि सुगबुगाहट तक मोदी सरकार द्वारा नहीं कि गई है। जो सरकार अभी तक जनगणना नहीं करा सकी वो सरकार जातीय जनगणना कैसे करा सकती है भला!राहुल गांधी ने फिर किया खुलासा। मोदी सरकार के करतूतों की।

 

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