मध्यप्रदेश में समाजवादी पार्टी एक तीसरा विकल्प को किसने दिया धोखा ।।
मध्यप्रदेश में समाजवादी पार्टी तीसरा विकल्प को किससे है ख़तरा।।
मध्यप्रदेश के विधान सभा चुनाव-2023
में समाजवादी पार्टी को तीसरा विकल्प के रूप में देखा जाने लगा था। मध्यप्रदेश की
जनता भी इसके लिए तैयार हो चुकी थी। जनता भी मन बना ली थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
समाजवादी पार्टी मध्यप्रदेश में ख़ाता तक नहीं
खोल सकी।
मध्यप्रदेश के विधान सभा चुनाव में समाजवादी
पार्टी अकेले चुनाव लङी और चुनाव हार गई। इस चुनावी संग्राम में ख़ाता तक
खोलने में इस बार असफल रही।
जबकि पूर्व के मध्यप्रदेश विधान सभा चुनाव में समाजवादी
पार्टी एक सीट पर जीत हासिल की थी और वह सीट कांग्रेस को सरकार बनाने में मदद भी
की थी। कांग्रेस के लिए समाजवादी पार्टी का एक सीट वरदान साबित हुआ था।
इतना हीं नहीं पिछले चुनाव में
समाजवादी पार्टी तीन-चार सीट पर दूसरे स्थान पर रही थी। इन्हे उपविजेता माना जा
सकता है।
समाजवादी पार्टी के इसी प्रदर्शन को
देखते हुए, मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारे में समाजवादी पार्टी को मध्यप्रदेश के
इस विधान सभा चुनाव में तीसरा विकल्प के रूप में देखा जाने लगा।
लेकिन, मध्यप्रदेश विधान सभा चुनाव-2023 में ऐसा हुआ कि
समाजवादी पार्टी को अकेले चुनाव लङना पङा। कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को इस
चुनाव से अलग कर दिया।
इतना हीं नहीं इसके साथ मध्यप्रदेश
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व समाजवादी पार्टी को भला-बूरा सुनाने का भी काम किया।
कांग्रेस चार सीट पर चुनाव लङने कि हिस्सेदारी समाजवादी पार्टी को देने की बात की
जिसपर समाजवादियों के मध्य समझौता भी हो गया।
लेकिन, कांग्रेस दोगली राजनीति करते
हुए समाजवादी पार्टी से बाद में दिये चार सीट भी छीन लिये। पिछले प्रदर्शन के
हिसाब व योगदान को भूलते हुए और ‘इंडिया गठबंधन’ से आनेवाले समाजवादी पार्टी को
छोङकर कांग्रेस चुनाव अकेले लङी।
जिसका परिणाम ये हुआ कि कांग्रेस मध्यप्रदेश
विधान सभा चुनाव-2023 इस प्रकार से हारी है कि जिससे यह कहना बिल्कुल गलत नहीं लगता कि कांग्रेस इस विधान सभा चुनाव के लिए कोई
ख़ास तैयारी नहीं की थी।