नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदङ में मौत ।। भरतीय रेल व्यवस्था का ‘काला धब्बा’ ।।
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदङ में मौत ।। भरतीय रेल व्यवस्था का
‘काला धब्बा’ ।।
भारत की राजधानी नई दिल्ली के रेलवे
स्टेशन पर भगदङ मचने की ख़बर है, जिसमें बूढ़-बच्चे और महिला मिलाकर करीब 18 लोगों
की जाने गई हैं। इस घटना को लेकर सभी अधिकारी, कुली और जनता का बयान सामने आ गया
है। कौन सच बोल रहा है ये बताना मुश्कील है।
प्रत्यक्षदर्शीयों का कहना है कि
अधिकारी के बयान तार्किक, वैज्ञानिक और भरोसा लायक नहीं है। अधिकारी के बयान की पुष्टि
प्रत्यक्षदर्शी नहीं कर रहे हैं और प्रत्यक्षदर्शी के बयान की पुष्टी अधिकारी करने
में असमर्थ दिख रहे हैं।
इसी बीच बीजेपी के नेता ने इस घटना
के बाद इस घटना को लेकर मीडिया में जो बयान दिया है वो देश को शर्मसार कर दिया है।
मानवता को शर्मसार कर दिया है। मानव के प्रति संवेदनहीनता को प्रकट कर दिया है।
बीजेपी नेता के इस बयान को लोग असंवेदनशील बयान की श्रेणी में शामिल कर दिया है। बीजेपी के एक नेता ने इस घटना पर मीडिया में हो रहे चर्चा में रेलवे अधिकारी का बयान को ही पुर्नवृति करते हुए बोला कि लोग एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म जाने के क्रम में सीढ़ी और एसक्लेटर का प्रयोग किया और इसी के प्रायोग में लोग फिसल गए, जिससे ये हादसा हो गया, लोग मर गए इसमें ज्यादा फङफङाने की क्या बात है?
आपको बता दूँ कि दिल्ली स्टेशन रेलवे
के बङे अधिकारियों से मात्र एक-से-दो किलोमीटर की दूरी पर है। भारत की राजधानी
हैं। भारत का सबसे अधिक सुरक्षा युक्त, जहाँ भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात
हैं और संवेदनशील स्टेशन है। इसके बावजूद यहाँ भगदङ की घटना जिसमें लोगों की मौत की
ख़बर अचंभित और सोचने पर मजबूर करने वाली घटना है। भरतीय रेल व्यवस्था पर इसे एक ‘काला
धब्बा’ नाम दे सकते है।
ये घटना साफ-साफ विश्लेषण करता है कि अधिकारी लोग सिर्फ मोटी वेतन लेने के लिए बैठे हैं, ये लोग जनता के लिए नहीं बैठे हैं। इनको रेल यात्रियों की सुरक्षा से किसी प्रकार का लेना-देना नहीं है। इस बात की पूरी आशंका लगाया जा रहा है कि यदि रेलवे अधिकारी हमेशा चौकन्ना रहते और योग्य होते तो ये भगदङ नहीं मचती। भगदङ मचने का सवाल हीं पैदा नहीं लेता!