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After 76 years of independence, in India, the young citizen was not sentenced by the court, he was sentenced by the police killed.

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After 76 years of independence, in India, the young citizen was not sentenced by the court, he was sentenced by the police killed. Uttar Pradesh police picked up Mangesh Yadav from his house at 2 o'clock in the night and took him to the police station and told his family members that they are taking him for interrogation. When the family members asked too many questions, the police also threatened to kill his sister. Mangesh Yadav's family lives in a hut, they did not even build a house under PM Yojana, most of the people are not educated, the police declared Mangesh Yadav a criminal of looting crores of rupees and killed him in an encounter, he was not allowed to reach the door of the court. Was Mangesh Yadav's crime so big that he was not allowed to go to the court? Did he commit murder, did he gang rape an engineering student of Banaras Hindu University, was he running away from the law? He was none of these, that he was sleeping in his small hut, when the polic

Electoral bonds proved to be not only India's but the world's biggest theft.

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Electoral bonds proved to be not only India's but the world's biggest theft - who is its mastermind ? Electoral bonds proved to be the biggest theft not only in India but in the world. The one who created this theft, did all the planning and then carried it out and made it legal- how? Modi's party BJP received maximum donations from electoral bonds. How did Modi's party do the work of taking donations? The answer to this question lies in who did the electoral bond scam? The way Modi's party has collected donations from people, it becomes clear that PM Narendra Modi is the mastermind behind the electoral bond scam. Narendra Modi's party BJP has taken donations from people through electoral bonds in three ways. Donate and give business: Through this, Modi's party BJP took donations and gave business to the industrialists of India. In business, BJP gave government contracts to those who donated. Donors got business without meeting government standards 

उत्तर प्रदेश के आरक्षित शिक्षको की नियुक्ति पर चला बुल्डोजर- योगी मॉडल।।

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उत्तर प्रदेश के आरक्षित शिक्षको की नियुक्ति पर चला बुल्डोजर- योगी मॉडल।। उत्तर प्रदेश का ‘योगी मॉडल’ बुल्डोजर चलाने के लिए राज्य और देश में प्रसिद्ध हुई। लोगों ने हीं इस व्यवस्था को सर आँखो पर बैठाया था, आज वहीं व्यवस्था लोगों के लिए गले की हड्डी बनती साबित हो रही है। आज ये व्यवस्था OBC, SC और ST के शिक्षक नौकरी पर हीं बुल्डोजर चला दी है। बर्ष 2018 में योगी सरकार 69000 शिक्षकों के लिए वकेंसी निकाली थी, जिसका परीक्षाफल 2021 के लिस्ट में OBC, SC और ST वर्ग के हजारों लगभग 6800 शिक्षकों का परिणाम घोषित की थी। ये परिणाम आज तक परिणाम हीं रह गए हैं।   इन वर्ग से परीक्षा पास किये शिक्षकों की नियुक्ति अभी तक नहीं दी गई है। ये लोग अब योगी मॉडल की सरकार से नियुक्ति की माँग कर रहें हैं, लेकिन योगी सरकार इसे नियुक्ति पत्र देने के विचार में फिलहाल तो नहीं दिख रही है। क्योंकि इस शिक्षक बहाली 2018 में सामान्य श्रेणि से परीक्षा पास किये शिक्षकों कि नियुक्ति दे दी गई है। योगी सरकार सिर्फ आरक्षण से परीक्षा पास किये शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा रखी है। यूँ कहें योगी मॉडल की सरकार इन शिक

हरियाणा और पंजाब के किसान इस दशहरा में रावण के जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पुतला बनाया।

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हरियाणा और पंजाब के किसान इस दशहरा में रावण के जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पुतला बनाया। हरियाणा औऱ पंजाब के किसान इस बार दशहरा अलग तरीक़ा से मनाया है। दशहरा के दिन रावण, कुम्भकरण, मेघनाद आदी राक्षसों का पुतला बनाकर दहन करने का काम किया जाता है। इसे भारत के लोग बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में बहुत पहले से ही मनाते आ रहें हैं। बुराई पर अच्छाई का जीत इस दशहरा का उद्देश्य है। लेकिन, हरियाणा और पंजाब के किसान इस दशहरा में रावण के जगह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पुतला बनाया औऱ इनके दस सर में भारत के अन्य मंत्री और उद्योगपति अडानी आदि को लगाया और फिर रावण के पुतला का दहन किया। किसानों ने इस रावण दहन में उसको दहन किया है , जिसने काले कृषि कानून लाने की हिमायत की थी और जिसको रोकने में करीब 700 के आसपास किसान इस आंदोलन मे शहीद हुए थे। हरियाणा और पंजाब के किसानों ने जिस प्रकार से इस बार का दशहरा मनाया है, उस दशहरा को कुछ लोग आलोचना भी कर रहें हैं, लेकिन यहाँ सवाल खङा होता है कि आख़िर ये किसान अलग तरह से दशहरा क्यों मनाया? इन किसानों के इसपर भी हम लोगों को विचार करने

वायनाड कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जातीय जनगणना कराने को लेकर संसद भवन में जोरदार वकालत किये।

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वायनाड कांग्रेस सांसद राहुल गांधी संसद भवन में जातीय जनगणना कराने को लेकर संसद भवन में जोरदार वकालत किये। भारत में जातीय जनगणना कराने को लेकर वायनाड कांग्रेस सांसद राहुल गांधी संसद भवन में इसको लेकर जोरदार वकालत किये। इनका कहना है कि भारत में जातीय जनगणना कराने की जरूरत है, इसी से पता चल सकेगा की भारत में कितने और कौन गरीब व आरक्षण के अधिकारी हैं। राहुल गांधी का मानना है कि ये करना इसलिए भी जरूरी है कि देश का संसाधन कुछ लोगों के हाथों में बहुत ही तीव्र गति से जा रहा है जिसे रोकने की जरूरत है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जातीय जनगणना का जोरदार वकालत करते हुए- संसद भवन में मोदी सरकार को चोरों ओर से घेर लिए और इस सरकार पर प्रहार करते हुए बोल - “ यदि मोदी सरकार जातीय जनगणना नहीं करा सकती तो कम-से-कम मोदी सरकार ये तोन कर हीं सकती है कि हमारी कांग्रेस की सरकार पिछले जनगणना में जो जनगणना करायी है, उसी डाटा को सार्वजनिक कर दे। ” सांसद राहुल गांधी के इन सवालों का जवाब मोदी सरकार के लोग अभी तक नहीं दिये हैं कि ख़बर है। और आगे के समयों में इसकी उम्मीद भी नहीं की जा सकती है। सांसद राहुल

मणिपुर हिंसा।पीएम के प्रेस वार्ता से नहीं माने। INDIA एलायंस सदन में चर्चा की माँग की।।

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रोजगार देने में मोदी का डंका बज रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि बेरोजगारी का डंका बज रहा है।

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रोजगार देने में मोदी का डंका बज रहा है , जबकि सच्चाई यह है कि बेरोजगारी का डंका बज रहा है। भरत के लोगों को रोजगार देने में भी पीएम नरेंद्र मोदी फिसड्डी साबित होते दिख रहें हैं। देखा जाय तो मोदी इस मामला पर लगता है कभी विचार किये हीं नहीं। अडानी लूटपाट नीति के खिलाफ कांग्रेस का देशव्यापी प्रदर्शन मोदी सरकार की प्राथिमिकता कभी भी ख़ाली पद भरने की नहीं रही है। 2014 के मुक़ाबले केंद्र सरकार में सिविलियन नौकरियों के ख़ाली पद दोगुना हो गए हैं। सरकारी महकमों में कुल मिलाकर 30 लाख़ पद ख़ाली हैं। इस मुद्दा पर कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि संवेदनहीन मोदी सरकार दलित विरोधी , आदिवासी विरोधी , पिछड़ा वर्ग और आर्थिक तौर पर कमज़ोर वर्गों की विरोधी है , तभी ये ख़ाली पद नहीं भर रही !   देखा जाय तो मोदी जी कुछ हज़ार भर्ती पत्र बाँटकर , वाहवाही बटोरने की क़वायद में , युवाओं की आँखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं, नई भर्ती कोई निकल नहीं रही और मेला लगाकर हर महीने 70 हजार नौकरियों का ज्वाइनिंग लेटर दिया जा रहा है, जो सब समझ से परे है।   लोगों को नौकरी देने में कांग्रेस बनाम भाजपा को

भारत-चीन सीमा को लेकर कांग्रेस का बयान।

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भारत-चीन सीमा को लेकर कांग्रेस का बयान। भारत-चीन सीमा को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार को चेताने व सर्तक रहने की बात की। और इसी के साथ सरकार से कुछ सवाल भी की है, जिसपर जनता को सोचने की जरूरत है। मोदी के क्लीन चिट से चीन ने भारत को गंभीर नुक़सान पहुंचाया है-जयराम रमेश 3 साल पहले 19 जून 2020 को PM मोदी ने गलवान की घटना के बाद सर्वदलीय बैठक में कहा था- न कोई हमारी सीमा में घुसा है , न ही कोई पोस्ट दूसरे के कब्जे में है। ये बयान एक दिन पहले विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के विपरीत था। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि गलवान की वारदात इस कारण से हुई थी कि चीनी सैनिकों ने घुसपैठ कर भारत की सीमा में टेंट लगाने की कोशिश की। 5 सितंबर 2020 को रक्षा मंत्री ने मॉस्को में SCO मीटिंग के दौरान चीन के रक्षा मंत्री से ढाई घंटे तक चर्चा की। 11 सितंबर 2020 को मॉस्को में रशिया-इंडिया-चाइना ट्राइलेक्ट्रल में विदेश मंत्री ने चीन के विदेश मंत्री के साथ LAC की परिस्थिति पर बात की। 3 साल में 18 बार बॉर्डर टॉक्स हुए हैं। जब कोई घुसपैठ नहीं हुई तो 3 साल से लगातार हो रही चर्चा की सच्चाई क्या है ?

मोदी के क्लीन चिट से चीन ने भारत को गंभीर नुक़सान पहुंचाया है-जयराम रमेश।

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  मोदी के क्लीन चिट से चीन ने भारत को गंभीर नुक़सान पहुंचाया है-जयराम रमेश। कांग्रेस नेता जय राम रमेश ने ट्वीट में लिखे हैं कि आज ही के दिन तीन साल पहले प्रधानमंत्री ने चीन को यह क्लीन चिट दी थी। उन्होंने तब जो कहा था कि न कोई भारत-चीन सीमा कोई घूस आया है , न हीं कोई घूसा हुआ है और   न हीं हमारी कोई फोर्स किसी दूसरे के कब्जे में है। जबकि उसी समय लद्दाख में हमारे बिस जबान शहीद हुए थे। उसपर मोदी ने कहा था कि लेकिन भारत माता की तरफ आँख उठा कर देखा था, उन्हे हमारी सेना वो सबक सीखा कर गए।   पीएम मोदी ने ऐसे चीन को क्लीन चीट दे दिये थे।   उनकी क्लीन चिट से चीन ने भारत को गंभीर नुक़सान पहुंचाया है और आगे भी नुक़सान पहुंचाता रहेगा।   जय राम रमेश ने आगे कहा कि क्लीन चिट देने के बाद से संसद और बाहर दोनों ही जगहों पर पीएम की लगातार चुप्पी ने बातचीत में भारत की स्थिति को कमज़ोर किया है। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में चीन से तनाव का यह पहला अवसर नहीं रहा है, इससे पिछले कार्यकाल के दौरान वर्ष 2017 में डोकलाम क्षेत्र में चीन से तनाव गहराया था जो मुद्दा अंतरराष्‍ट्रीय सुर्खी बन गई थी।

हरियाणा किसान एमएसपी माँग को लेकर कल पिपली में करेंगे महापंचायत-सरकार से नहीं बनी बात, मामला बढ़ने के आसार।

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हरियाणा किसान एमएसपी माँग को लेकर कल पिपली में करेंगे महापंचायत-सरकार से नहीं बनी बात , मामला बढ़ने के आसार। मोदी सरकार हरियाणा के किसानों को उनके सूरजमुखी फसल को एमएसपी दामों पर खरीदने से मना कर दी है। जिससे किसान और मोदी सरकार के बीच फिर से विवाद शुरू हो गई है। हरियाणा के किसान आंदोलन करने को सड़क पर आ गए , जहाँ   सरकार द्वारा लाठी चला दी गई और इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं को गिरफ्तार करके , उनपर मुकदमा दायर करके और उन्हे जेल भेज दिया गया है। मोदी सरकार के इस रवैये से किसान लोग काफी नाराज़ व आहृत हो चुके है और इनके फसल भी बरबादी के कागार पर पहुँच चुकी है। मोदी सरकार सूरजमुखी फसल के लिए प्रति क्वींटल 6400 रुपये निर्धारित की है , लेकिन सरकार इस रेट पर किसानों से सूरजमुखी नहीं खरीद रही है , जिसके कारण किसान अपने फसल को शाहाबाद अनाज मंडी में 4000 से 4400 रुपये प्रति क्वींटल सूरजमूखी बेचने को मजबूर हैं। सरकार के इस रवैये से सूरजमुखी फसल पैदा करनवाले किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। इसी को लेकर किसान शाहाबाद मंडी में आंदोलन करने लगे , जहाँ सरकार ने बर्बरता के साथ पीट

“मोदी सरकार की हर नीति और कदम उनका डीएनए हीं किसान विरोधी है”- संदीप सुरजेवाल।कांग्रेस।

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“ मोदी सरकार की हर नीति और कदम उनका डीएनए हीं किसान विरोधी है ” - संदीप सुरजेवाल।कांग्रेस। हरियाणा के किसान सुरजमूखी फसल का एमएसपी की माँग को लेकर आंदोलन करने को मजबूर हो चुके हैं , क्योंकि सरकार किसानों को एमएपपी देने से मना का दी है। और सरकार इसपर काम करने के बजाय किसानों पर लाठियाँ चला रही है और इसके आंदोलन और आवाज को दबाने के प्रयास में लगी है , सरकार के इस नीति को किसान विरोधी नीति नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे! सरकार खुलेआम किसानों के विरोध में पुलिस बल का प्रयोग कर रही है , जिसे किसी भी तरह से सही ठहराया नहीं जा सकता। इन किसानों के समर्थन में कांग्रेस नेता संदीप सुरजेवाला सरकार के खिलाफ आवज उठाने शुरू कर दिये हैं , जिससे किसानों को न्याय मिलने में शयद मदद मिल सकती है। लेकिन , सुनने को यह मिल रहा है कि सरकार बहरी हो गई है और सरकार अंग्रेजों जैसे हो गई है। मोदी सरकार, एमएसपी रेट पर फसल ख़रीदने से इनकार की और फिर किसानों पर लाठीचार्ज-हरियाणा किसान के एमएसपी की लड़ाई को आगे बढ़ातेे हुए संदीप सुरजेवाल ने कहा है कि इस सरकार के डीएनए में किसान विरोधी है। आसान भाषा में समझें तो ‘यह सर