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Akhilesh Yadav is the real hero of 2024 Lok Sabha elections of India.

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Akhilesh Yadav is the real hero of 2024 Lok Sabha elections of India.   The 2024 Lok Sabha elections were desperate to change the face of India, whose masterminds were the Bharatiya Janata Party and India's PM Narendra Modi. They won more than 400 seats and announced to change the Constitution of India. The people of India also gave up in front of this announcement.   People started saying that the 2024 Lok Sabha elections are going to be the last elections of India. After this, there will be no elections in India. The Constitution of India will also not remain. India will be known as a Hindu nation. BJP leader Narendra Modi will be known as the creator of this new India.   But nothing like this happened. Today's India is the same India, which was built by Ambedkar and nurtured by Nehru. Now the question arises that what happened that India remained safe today. Narendra Modi can no longer play with the Constitution of India. Its people cannot change the basic st

मोदी बेनकाब होंगे और इनके असली चरित्र से देश के लोग जल्द अवगत होंगे।

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मोदी बेनकाब होंगे और इनके असली चरित्र से देश के लोग जल्द अवगत होंगे। ‘भारत’ लीडर राहुल गांधी ने कर्नाटक के चुनावी सभा में संबोधन के दरम्यान भारत सरकार का करोड़ो रुपया लेकर, भारत छोङकर भागे ललित मोदी और नीरव मोदी को चोर शब्द से संबोधित किया कि गुजराती नेता नरेंद्र मोदी जी ने उसका हथकंडा ही बना लिए। नरेंद्र मोदी जी ‘मोदी’ सरनेम को लेकर गुजरात के सूरत में राहुल गांधी पर मोदी सरनेम मानहानी मुकदमा ठोक दिए। सूरत कोर्ट देखते - ही- देखते गांधी को गुनाहगार सिद्ध करते हुए 2 साल की अधिकतम सजा सुना दी। नरेंद्र मोदी टीम राहुल गांधी को संसदीय सदस्यता भी छीन ली और फिर आवास भी छीन लिए। मानहानी मुकदमा दायर करना, सूरत कोर्ट द्वारा 2 साल की अधिकतम सजा सुनाना, लोकसभा सदस्यता रद्द और फिर सरकारी आवास से बेदखल करना। ये कम इतनी जल्दी और ऐसे किया गया है, जैसे राहुल गांधी से किसी को भारी खतरा हो और उसे कुर्सी जान का डर हो। गांधी के साथ नरेंद्र मोदी टीम यह सब काम तब किया, जब राहुल गांधी संसद भवन में गौतम अदानी द्वारा किया गया माह-घोटाला को लेकर संसद में सवाल सीधे नरेंद्र मोदी से किया था। राहुल गांधी

जब नेहरूजी की माँ पर पुलिस ने लाठियाँ बरसा दी और नेहरू जी जेल में कैद थे।

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जब नेहरूजी की माँ पर पुलिस ने लाठियाँ बरसा दी और नेहरू जी जेल में कैद थे। इतिहास के पऩ्ना से नेहरूजी की कहानी, जब उनकी माँ पर पुलिस ने लाठियाँ बरसा दी और नेहरू जी जेल में कैद थे लेकिन वह भयभीत नहीं हुए और जेल से हीं कहा, “ यदि मैं जेल से बाहर होते तो शायद अहिंसा का पालन नहीं कर पाते। ”   नेहरूजी के दूसरा संतान बेटा पैदा लेते हीं, पत्नि कमला नेहरू की तबियत बहुत ख़राब हो गई 8 अप्रैल 1932 देश भर में 1919 की भयावह घटनाओं की स्मृति में मनाए जा रहे कांग्रेस सप्ताह का दूसरा दिन था। इलाहाबाद में विशाल जुलूस निकला तो वयोवृद्ध स्वरूपरानी नेहरूजी सबसे अग्रिम पंक्ति में थीं।   जुलूस को पुलिस ने रोका। स्वरूप रानी जी सड़क के बीच में बैठ गईं। पुलिस की लाठियाँ चलीं तो माताजी को भी नहीं बख्शा गया। उनके सिर पर गंभीर चोट आई और वह अचेत होकर गिर पड़ीं। शहर में शोर मच गया कि माताजी नहीं रहीं। हालाँकि वह स्वस्थ हो गईं और पूरे उत्साह से आंदोलन में लगी रहीं लेकिन इस चोट ने उनके स्वास्थ्य पर गहरा असर किया।   जवाहरलाल नेहरूजी उस समय बरेली की जेल में थे ; इस समाचार ने उन्हें क्रोध से भर दिया। वह

हंसा मेहता भारत की संविधान सभा सदस्या थीं, महिलाओं की ओर से राष्ट्र-ध्वज भेंट करने का गौरव प्राप्त हुआ था।

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हंसा मेहता भारत की संविधान सभा सदस्या थीं जिन्होंने 14 अगस्त 1947 की अर्द्धरात्रि को सत्ता के हस्तांतरण के ऐतिहासिक अवसर पर भारतीय महिलाओं की ओर से राष्ट्र-ध्वज भेंट करने का गौरव प्राप्त किया था। कांग्रेस से: हंसा मेहता का बचपन से उच्च शिक्षा पत्रकारिता तक। 3 जुलाई 1897 को हंसा मेहता का जन्म बड़ौदा राज्य में दर्शनशास्त्र के प्राध्यापक , जो बाद में बड़ौदा राज्य के दीवान भी रहे , सर मनुभाई मेहता के घर हुआ। घर में पढ़ाई-लिखाई का महौल उपलब्ध होने के कारण हंसाबेन को शिक्षा के लिए अधिक मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ा। बड़ौदा के विद्यालय और महाविद्यालय से दर्शनशास्त्र में बी.ए और एम.ए की पढ़ाई की। और फिर पत्रकारिता की पढ़ाई के लिए इंग्लैड गईं। उसके बाद उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई खत्म कर, अमेरिका और कई देशों की यात्रा की जहाँ महिलाएं मताधिकार के लिए संघर्षरत थी। अपने अनुभवों को उन्होंने बॉम्बे क्रॉनिकल में प्रकाशित किया। पहुँचीं और वहाँ उनकी मुलाक़ात सरोजिनी नायडू से हुई। सरोजिनी के साथ हंसाबेन ने महिला आंदोलन और सार्वजनिक सभाओं में शिरक़त   करना शुरू किया। हंसा मेहता ने अन्तर

नेहरूजी के दूसरा संतान बेटा पैदा लेते हीं, पत्नि कमला नेहरू की तबियत बहुत ख़राब हो गई और........

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नेहरूजी के दूसरा संतान बेटा पैदा लेते हीं, पत्नि कमला नेहरू की तबियत बहुत ख़राब हो गई और........ कमला नेहरूजी दिल्ली के व्यापारी पंडित जवाहरमल कौल की पुत्री थीं। 8 फरवरी , 1916 को बसंत पंचमी के दिन दिल्ली में उनका विवाह जवाहरलाल नेहरूजीजी से हुआ था। 19 नवंबर 1917 को इंदिराजी का जन्म हुआ था। कमलाजी की तबियत बार-बार बिगड़ रही थी। नवम्बर , 1924 में उनकी दूसरी संतान ने जन्म लिया। लेकिन कुछ ही दिनों के भीतर लड़के की मृत्यु हो गई। उनकी तबियत और बिगड़ गई। जाँच कराने पर टीबी निकली। नेहरूजी ने डॉ एम ए अंसारी से सलाह ली तो उन्होंने जेनेवा ले जाने की सलाह दी। पासपोर्ट बनवाने गए तो एकबार फिर अंडरटेकिंग मांगी गई कि यूरोप में रहते हुए वह राजनीतिक आयोजनों में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने फिर मना कर दिया। अंत में जब मोतीलालजी ने हस्तक्षेप किया तब जाकर उन्हें पासपोर्ट मिला। मार्च में नेहरूजी पत्नी को लेकर जिनेवा पहुँचे। अगले 21 महीने वह वहीँ रहे। बाद में बहन कृष्णा नेहरूजी भी पहुँच गईं। जिनेवा से उन्हें मोंटाना के एक सेनीटोरियम में ले जाया गया। लेकिन स्वास्थ्य-लाभ बेहद धीमा था। 5 मार्च , 19

गांधीजी का भारत में पहला अनशन।।

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गांधीजी का भारत में पहला अनशन।। अहमदाबाद   मिल-मज़दूरों के औद्योगिक झगड़ों को सुलझाने गांधीजीजी ने जो मांग तैयार की उसको मिल-मालिकों के सामने रखा। उन्होंने 20 फीसदी से अधिक देने से क़तई इन्कार कर दिया और कह दिया कि 22 फरवरी 1918 से मिलों में   ताले   डाल दिये जाएंगे। गांधीजीजी ने मिल-मज़दूरों की एक सभा बुलाई और एक पेड़ के नीचे उनसे यह प्रतिज्ञा करवाई कि वे तब तक काम पर नहीं लौटेंगे जब तक उनकी मांग स्वीकार नहीं हो जाती। प्रतिज्ञा में यह बात भी थी कि वे लोग जब तक मिलों में ताले पड़े रहेंगे तब तक किसी हालत में शांति-भंग न करेंगे। अहिंसा गांधीवादी संघर्ष का हमेशा से अविभाज्य अवयव रहा है। हड़ताली मज़दूरों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी। एक शाम जब गांधीजी मज़दूरों के बीच सभा कर रहे थे , एक व्यक्ति ने ताना दिया कि गांधीजी और अनुसूयाबेन तो कार से चलते हैं और उन्हें भोजन की कोई समस्या नहीं है , लेकिन हमारे बच्चे भूखों मर रहे हैं। बात कड़वी थी, लेकिन सच थी। गांधीजीजी ने उसी समय यह घोषणा की कि जब तक मज़दूरों की मांगे नहीं मानी जातीं , तब तक न तो किसी सवारी में ही चलेंगे और न ही भोजन

“लालू प्रसाद यादव को फँसाने का गम्भीर षड्यंत्र किया गया और मीडिया ने भी खुद ही ट्रायल कर उन्हें अपराधी घोषित कर दिया”-‘परस्यूट ऑफ ला एण्ड ऑरडर’

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“ लालू प्रसाद यादव को फँसाने का गम्भीर षड्यंत्र किया गया और मीडिया ने भी खुद ही ट्रायल कर उन्हें अपराधी घोषित कर दिया ” - ‘परस्यूट ऑफ ला एण्ड ऑरडर’ बिहार के सामाजिक और गरीबों का आवाज़ बनकर भारत की राजनीतिक में एक महत्वपूर्ण स्थान को प्राप्त करनेवाले लालू प्रसाद यादव एक बार फिर चर्चा का विषय बने हुए हैं। ये ऐसे व्यक्तित्व के मालिक हैं कि इनके नाम से लोगों में एक अलग सी ऊर्जा का संचार हो जाता है। जिस समय वह युवा थे और राजनीतिक में थे , उस समय लालू बिहार के लाल थे। गरीबों का आँख , कान , नाक और आत्मा थे और वह गरीबों के एकलौता सबकुछ थे। DONATE आपको इस बात से अवगत हो जाना चाहिए कि एक ओर राजनीति ने लालू प्रसाद यादव को बहुत कुछ दिया , तो दूसरी ओर राजनीतिक के लोगों ने इन्हे बदनाम करने की साजिश भी रची है। वैसे लोगों ने इन्हे बदनाम करने की साजिश रची है , जिन्होंने राजनीति के नाम पर जनता को डराया-धमकाया और शोषण करने की साजिश की है। लालू प्रसाद यादव बिहार के राजनीति तक सीमित नहीं रहे , बल्कि भारत की राजनीति में भी तहलका मचा कर रख दिये। अपने आलोचोकों को बोलती बंद कर दी और करारा जवाब दिया। 

पीएम मोदी के सर्वज्ञानी गुणों को देखकर भगवान भी भ्रमित हैं -राहुल गांधी। अमेरिका!

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पीएम मोदी के सर्वज्ञानी गुणों को देखकर भगवान भी भ्रमित हैं -राहुल गांधी। अमेरिका! कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका में भाषण दे रहें हैं और इधर नरेंद्र मोदी टीम के लोगों और इनके समर्थकों को खुजली होने लगी है। इससे पहले राहुल गांधी ब्रिटेन गए थे , उस समय भी मोदी टीम के लोग और इनके चमचे लोग खुब हल्ला मचाए थे। इस बार गांधी अमेरिका के निमंत्रण पर , यहाँ के मीडिया , विश्वविद्यालयों और बु़़द्धजीवियों के सवालों को जवाब दे रहें हैं। राहुल गांधी इस बार अमेरिका दौरे पर बीजेपी शहंशाह नरेंद्र मोदी के बारे में स्पष्ट शब्दों में बोल दिए हैं। मोदी के सर्वज्ञानी भाषणों पर प्रहार किए हैं। मोदी मन की बात करते हैं , खुद पढ़-लिखा नहीं बताते और विद्यार्थियों को परीक्षा में कैसे लिखना है और कैसे अच्छे नम्बर से पास करना है का ज्ञान देते है। नाला से चाय बनाने का तरक़ीब सीखाते है , जैसे कोई वैज्ञानिक हों। मोदी कहते हैं कि एक चाय बनानेवाला के पास गैस खत्म हो गया , तो बगल के नाले में पाईप डालकर , इसके गैस से चुल्हा जला लिया और चाय बनाने लगा। मोदी भारत के लोगों से ऐसे बकवास बातें करते है और इसके समर्थक सुनकर

'लोकतंत्र सिपाही राहुल गाँधी' - एक तानाशाही से पंगा। भाग-2

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कहानी उस देश की है , जिसे भारत कहते हैं जनबा! और जहाँ आधुनिक लोकतंत्र का एक सिपाही ‘तानाशाहियों’ के खिलाफ लड़ने की हिम्मत की है! इस देश ने अपनी आजादी के लिए लम्बी लड़ाई लड़ी है , कई संघर्ष करने का इतिहास है इसका और आज भी वो लड़ाई जारी है। कुछ लोग , वहीं लड़ाई लड़ रहें , लेकिन इनके इस लड़ाई को भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जा रहा है। इनके इस संघर्ष का मतलब वहीं है , जो नेहरू , गाँधी आदि नेताओं का हुआ करता था। इस महानुभाव का नाम ऐसे तो राहुल गांधी है , लेकिन इनके आलोचकों ने इन्हे अनेको नामों से सम्बोधित करने का काम किये हैं। यदि आप इस नेता के आलोचक हैं, तो आपको जानकर बड़ी प्रसन्नता होगी की इन्हे ‘पप्पु’ कहा जाता है। ये इनके आलोचकों , जिसे बीजेपी या मोदी भक्त कहते हैं, जैसे लोगों ने नाम रखा है। ‘ पप्पु’ का शाब्दीक अर्थ क्या होते हैं , इसका जिक्र करना हम नहीं चाहते , लेकिन यह नाम इस व्यक्ति पर जचता नहीं है। लोगों में चर्चा ये भी है कि इनके राजीतिक छवि धूमिल करने के लिए मोदी भक्तों ने यह नाम रख दिया है। ऐसा मुझे लगता है कि आप संदेह का शिकार हो चुके हैं। खैर, छोड़िए। यदि आप मोदी भक्त हैं , त